जब आप टेस्ट विशेषज्ञ बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा और टीम के सबसे बेहतरीन स्पिनर कुलदीप यादव के बिना इंग्लैंड जैसी ताकतवर टीम के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने जाएंगे तब आपको कभी न कभी हार भी मिलेगी। ऐसा नही है कि यह टीम खराब है और इंग्लैंड को हरा नही सकती है लेकिन अगर इस टीम पर नजर डालें तो इसमें शामिल कुछ खिलाङी या तो आउट आफ फार्म हैं या फिर प्लेइंग इलेवन में रहने लायक ही नही हैं। इस टीम में शुभमन गिल की तो जगह ही नही बनती है। गिल किसकी कृपा पर प्लेइंग इलेवन में हैं यह कोई नही बता सकता है। जब भारतीय टीम पहली पारी में बल्लेबाजी कर रही थी तब पिच बल्लेबाजों के लिए अनुकूल थी लेकिन इस अनुकूल पिच पर भी भारतीय बल्लेबाजों में से किसी ने भी एक बङा शतक नही बनाया। ईशान किशन का न चुना जाना और उनके जैसे मैच विनर को बाहर बैठाकर इंग्लैंड से मैच जीतने की सोच रखने वाले मैनेजमेंट के मुंह पर आज की हार जोरदार तमाचे के समान है।
जिस टीम में पुजारा, विराट,रहाणे,पंत न हों वह टीम दबाव आने पर दबाव को कैसे झेलेगी इस सवाल का जवाब निरूत्तर था बावजूद इसके कप्तान रोहित शर्मा ने किसी अनुभवी बल्लेबाज की मिडिल आर्डर में कमी नही महसूस की। कप्तान को लगा होगा कि केएल राहुल और श्रेयस अय्यर सब संभाल लेंगे लेकिन सच तो यही है कि दबाव सोखने की जो क्षमता पुजारा और पंत में है वह किसी अन्य खिलाङी में नही दिखती है।
आज दूसरी इनिंग में भारतीय टीम को जीत के लिए महज 231 रन बनाने थे लेकिन भारतीय टीम 202 रन बनाकर आलआउट हो गयी और यह टेस्ट मैच भारत 28 रन से हार गया। इस हार ने कई सवाल पैदा कर दिए हैं जिनमें एक सवाल यह भी है कि अक्षर पटेल को प्लेइंग इलेवन में शामिल क्यों किया गया था जबकि सब जानते हैं कि जडेजा और अक्षर एक जैसे ही गेंद फेंकते हैं। भारतीय टीम में कहने को तो तीन स्पिनर हैं। लेकिन जडेजा और पटेल एक जैसे गेंद फेंकने के कारण महज दो स्पिनर ही खेलते दिख रहे थे। सवाल यह भी है कि चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को इस टेस्ट मैच में शामिल क्यों नही किया गया? इसका जवाब रोहित शर्मा ने दिया था कि अक्षर पटेल गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी बेहतरीन हैं। लेकिन कप्तान साहब ने यह नही देखा कि अगर गेंदबाज अच्छा हो तो वह विपक्षी टीम के ज्यादा से ज्यादा बल्लेबाजों को आउट करके एक बल्लेबाज की कमी को पूरा कर सकता है।
अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे टाॅम हार्टली ने वह कर दिखाया जो हर किसी गेंदबाज का सपना होता है। भारत के खिलाफ यह किसी भी इंग्लैंड के स्पिनर का किसी पारी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस मैच में इंग्लैंड के पास जो रूट को मिलाकर चार स्पिनर थे और भारत के पास महज तीन स्पिनर थे और यही अंतर भारतीय टीम पर भारी पङ गया। जो रूट ने जहां पहली पारी में 4 विकेट लिए तो दूसरी पारी में भी 1 महत्वपूर्ण विकेट लिया। ओली पोप के दूसरी पारी में किए गये संघर्ष को ऐतिहासिक माना जा सकता है। इंग्लैंड की तरफ से ऐसी जुझारू पारी शायद ही कोई भारतीय मैदानों पर खेल पाया हो। यह टेस्ट मैच ओली पोप और टाॅम हार्टली के मैराथन प्रयास के लिए भी याद रखा जाएगा। फिलहाल इंग्लैंड 5 टेस्ट मैचों की सिरीज में 1-0 से आगे हो गया है।