अपने पसंदीदा खिलाङियों को चयनकर्ता कैसे टीम में सेट करते हैं इसको अगर आप समझना चाहें तो केएल राहुल और शुभमन गिल से समझ सकते हैं। चेतेश्वर पुजारा और आजिंक्य रहाणे दोनो ही शानदार बल्लेबाज हैं और क्रिकेट का मात्र एक ही फार्मेट खेलते हैं। उनके कैरियर में टेस्ट क्रिकेट के अलावा और कुछ भी बचा नही है लेकिन चयनकर्ताओं ने उनको इनडाइरेक्ट इनपुट दे दिया है कि वह अब सन्यास का ऐलान कर दें।
दरअसल इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सिरीज के पहले दो मैचों के लिए जब टीम की घोषणा हुई तब न तो पुजारा को चुना गया और न ही रहाणे को चुना गया। जबकि यह दोनो ही बल्लेबाज रणजी ट्राफी में गजब के फार्म में दिखे थे। केएल राहुल टेस्ट क्रिकेट में जब खेलना शुरू किए थे तो एक ओपनर के तौर पर खेलते थे। एक ओपनर के तौर पर केएल राहुल फेल हुए और उनको टीम से बाहर कर दिया गया। फिर केएल राहुल जब दोबारा टीम में वापस आए तब उनको मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने का मौका मिला और यहीं से केएल राहुल ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया है।
एक और ओपनर बल्लेबाज जो ओपनर के तौर पर लगातार फेल हो रहे थे और चयनकर्ताओं के पसंदीदा हैं तो उनको भी अब मध्यक्रम में खिलाया जा रहा है लेकिन वह वहां भी कुछ खास कमाल नही कर पा रहे हैं। शुभमन गिल जब टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू किए तो वह भी केएल राहुल की तरह एक ओपनर बल्लेबाज के तौर पर टीम में शामिल हुए लेकिन कुछ अच्छे प्रदर्शन के बाद विदेशों में एक ओपनर के तौर पर शुभमन गिल फेल होने लगे तो अपने पसंदीदा खिलाङी को टीम में सेट करने के लिए मैनेजमेंट ने उनको भी मध्यक्रम में मौका दिया है लेकिन अभी तक तो वह वहां भी फेल ही रहे हैं।
सबसे बङा सवाल यह है कि दो-दो ओपनर बल्लेबाज अगर मध्यक्रम में खेलेंगे तो मध्यक्रम से बाहर जो होगा वह भी मध्यक्रम का बल्लेबाज ही होगा तो भारत की नयी दीवार कही जाने वाले चेतेश्वर पुजारा कि जगह गिल ने ले ली और आजिंक्य रहाणे की जगह केएल राहुल ने ले ली है। पुजारा और आजिंक्य रहाणे बेहद शांत स्वभाव के खिलाङी हैं और पिछले कुछ समय से टेस्ट क्रिकेट में उनका प्रदर्शन उस स्तर का नही रहा था लेकिन उनको कुछ और मौके देने की बजाय चयनकर्ताओं ने उनको टीम में न चुनना ही बेहतर समझा। पुजारा और रहाणे ने अपने बेहतरीन खेल से टेस्ट क्रिकेट में कई मैच भारत को जिताए हैं। उनको बाहर करने से कोई बहुत बङा शोर शराबा भी नही हुआ और चयनकर्ताओं के जो लक्ष्य थे वह भी हासिल हो गये।
केएल राहुल और शुभमन गिल टीम में हैं अच्छी बात है लेकिन यह दोनो आईपीएल से लेकर क्रिकेट के अन्य फार्मेट भी खेलते हैं लेकिन चेतेश्वर पुजारा जैसा बल्लेबाज जिसके लिए केवल टेस्ट क्रिकेट ही सबकुछ हो उनको बाहर कर देना कहीं से भी न्यायोचित नही लगता है। रहाणे और पुजारा को एक बार मौका जरूर देना चाहिए भले ही यह बोल कर कि यह उनकी अखिरी सिरीज होगी क्योंकि इतने तो हकदार वह दोनो बल्लेबाज हैं ही।